Jallikatu
ग्रामीणों की बहादुरी और साहस को दर्शाता है।
इसमें बैल को पकड़े बिना किसी हथियार का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
Jallikatu
की ऐतिहासिक जड़ें हज़ारों साल पुरानी बताई जाती हैं।
इस खेल को स्थानीय संस्कृति और परंपरा का प्रतीक माना जाता है।
Jallikatu
को लेकर कई बार कानूनी विवाद भी हुए हैं।
2017 में तमिलनाडु सरकार ने इसे कानूनी मान्यता दी।
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